गिरिहिंडा पहाड़ शेखपुरा जिले की पहचान है। गिरिहिंडा पहाड़ करीब 800 फीट ऊंचा है। इस पहाड़ की चोटी पर स्थित है शिव पार्वती मंदिर। जिसे बाबा कामेश्वर नाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में हुआ था। कहा जाता है कि महाभारत काल में हिडिम्भा नाम की एक दानवी इसी गिरिहिंडा पर्वत के शिखर पर रहती थी। पांडव पुत्रों को जब निर्वासन काल सहना पड़ा था तो धनुर्धर अर्जुन के बड़े भाई गदाधारी भीम कुछ वक्त के लिए इसी गिरिहींडा के पहाड़ पर ठहरे थे। इस दौरान उन्होंने हिडिंभा के साथ गंधर्व विवाह भी किया था। जिससे घटोतकच्छ नामक राक्षस पैदा हुआ था। मान्यता के मुताबिक गदाधारी भीम ने ही गिरिहींडा के पहाड़ पर इस शिवलिंग की स्थापना की थी। जिसके बाद भगवान शिव के आदेश के बाद विश्वकर्मा जी ने रातों रात इस मंदिर का निर्माण कराया। जो बाद में शिव पार्वती मंदिर या बाबा कामेश्वर नाथ मंदिर के रूप में जाना जाने लगा।
मान्यता है कि इस मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं को मनचाहा फल मिलता है और संतान की प्राप्ति होती है। खासकर सावन के महीने में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। सावन की सोमवारी को बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और बाबा को जलाभिषेक करते हैं। शिवरात्रि के दौरान इस मंदिर में पूजा अर्चना करने का भी खासा महत्व है। ज्योतिषों के मुताबिक नि:संतान जोड़े अगर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है।
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